झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में चल रहे राष्ट्रीय सेवा योजना के विश्वविद्यालय स्तरीय एकीकरण शिविर का पांचवा दिन महिला सशक्तिकरण के नाम रहा। बौद्धिक सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कानपुर प्रांत के प्रांत प्रचारक श्रीराम ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना युवाओं को व्यावहारिक ज्ञान देने के लिए जरूरी है। युवाओं को समाज की पीड़ा से अवगत कराने और समाज के प्रति दायित्व का एहसास कराने के लिए एनएसएस जरूरी है। एनएसएस समाज में परिवर्तन लाने का कार्य करता है। उन्होंने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि मातृशक्ति की आराधना और उनका हमारे पौराणिक इतिहास में भी है। ब्रह्मा ने जब धरती का निर्माण किया तो तीन सबसे महत्वपूर्ण विभाग महिलाओं को ही दिया।
शिक्षा उन्होंने मां सरस्वती की दिया, धन की जिम्मेदारी उन्होंने माता लक्ष्मी को दी और सुरक्षा का दायित्व मां दुर्गा को दिया. भारतीय समाज और संस्कृति ने महिला को हमेशा पहला दर्जा दिया है. हमारे यहां सीता-राम और राधे -श्याम की परंपरा है. सांस्कृतिक संध्या में एनएसएस के स्वयंसेवकों ने लोक संस्कृति पर आधारित प्रस्तुतियां दी. यूनिट 5 की अंजली, अंजू देवी, लवी, प्रांजलि सेन, समीक्षा, मुस्कान, शांभवी, स्नेहा, मुकेश, प्रिंसी, मेघा, धनेंद्र, लोकेंद्र, शिवानी, आलोक, वैशाली, खुशी गुर्जर, खुशी रावत ने प्रस्तुतियां दी. युवाओं द्वारा कवि सम्मेलन और हरदौल के जीवन पर आधारित नाटक भी किया. संस्कृति कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लाल बहादुर शास्त्री केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मुरली मनोहर पाठक रहे।